देशभक्ती गीते
नन्हा मुन्ना राही हूँ
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ,
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द,
जय हिन्द, जय हिन्द ।
रस्ते में चलूँगा न डर-डर के,
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के।
मंज़िल से पहले ना लूँगा कहीं
दम,
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम
दाहिने बाएँ दाहिने बाएँ, थम
धूप में पसीना मैं बहाऊँगा जहाँ,
हरे-हरे खेत लहराएँगे वहाँ ।
धरती पे फाके न पाएँगे जन्म,
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम
दाहिने बाएँ दाहिने बाएँ, थम
नया है ज़माना, मेरी नई है डगर,
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर ।
भारत किसी से रहेगा नहीं कम,
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम ।
दाहिने बाएँ दाहिने बाएँ, थम
बड़ा हो के देश का सहारा बनूँगा,
दुनिया की आँखो का तारा बनूँगा।
रखूँगा ऊँचा तिरंगा परचम ,
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम ।
दाहिने-बाएँ दाहिने-बाएँ, थम ।
शांति की नगरी है मेरा ये वतन,
सबको सिखाऊँगा मैं प्यार का चलन
।
दुनिया मे गिरने न दूँगा कहीं
बम,
आगे ही आगे बढ़ाऊँगा क़दम
दाहिने-बाएँ दाहिने बाएँ, थम ।
देशभक्ती गीते/ जहाँ
डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा
जहाँ डाल डाल पर सोने की
चिड़ियाँ करती हैं बसेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।
जहाँ सत्य, अहिंसा और धरम का पग-पग लगता डेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते
प्रभु नाम की माला ।
जहाँ हर बालक एक मोहन है, और राधा एक-एक बाला।
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले
अपना फेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्णा और कावेरी बहती जाए,
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत
पिलवाए,
कहीं ये फल और फूल उगाए और केसर
कहीं बिखेरा।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।
अलबेलों की इस धरती के त्योहार
भी हैं अलबेले,
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले ।
जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का
चारों ओर है घेरा।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।
जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर
और शिवाले ,
किसी नगर में, किसी द्वार पर कोई न ताला डाले।
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आए शाम सवेरा
-
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ।
देशभक्ती गीते/ आज
हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा हैं
आज हिमालय की चोटी से फिर हमने
ललकारा हैं,
दूर हटो, ऐ दुनिया वालों! हिन्दुस्तान हमारा है।
जहाँ हमारा ताजमहल है, और कुतुबमीनारा है
जहाँ हमारे मंदिर-मस्जिद, सिक्खों का गुरुद्वारा है,
उस धरती पर कदम बढ़ाना अत्याचार
तुम्हारा है,
दूर हटो, ऐ दुनिया वालों! हिन्दुस्तान हमारा है।
शुरु हुआ है जंग तुम्हारा, जाग उठो हिन्दुस्तानी,
तुम न किसी के आगे झुकना जर्मन
हो या जापानी ।
आज सभी के लिए हमारा ये ही
क़ौमी नारा है,
दूर हटो, ऐ दुनिया वालों! हिन्दुस्तान हमारा है।
