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शुक्रवार, २० ऑगस्ट, २०२१

देशभक्ती गीते-8

 देशभक्ती गीते

छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी

 

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी,

नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी।

हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी |

 

आज पुरानी जंज़ीरों को तोड़ चुके हैं,

क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं।

चाँद के दर पे जा पहुँचा है आज ज़माना,

नये जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं।

नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।

हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी |

 

हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने,

कितने ही अजंता हम को और सजाने।

अभी पलटना है रुख  कितने दरियाओं  का,

कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने ।

नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।

हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी।

 

आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएँ,

अपने हाथों को अपना भगवान बनाएँ ।

राम की इस धरती को, गौतम की भूमि को,

सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ।

नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।

हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ।

 

हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो,

माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो।

सोने की ये गंगा है, चाँदी की यमुना,

चाहो तो पत्थर से धान उगाकर देखो।

नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।

हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी

 

 

देशभक्ती गीते / तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा

 

तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा ।

 

अच्छा है अभी तक तेरा कुछ नाम नहीं है,

 तुझको किसी मज़हब से कोई काम नहीं है ।

जिस इल्म  ने इंसान को तक़सीम  किया है,

उस इल्म का तुझ पर कोई इल्ज़ाम नहीं है।

 

तू बदले हुए वक्त की पहचान बनेगा,

इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा।

 

मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया,

 

हमने उसे हिन्दू या मुसलमान बनाया।

 कुदरत ने तो बख़्शी थी हमें एक ही धरती,

हमने कहीं भारत, कहीं ईरान बनाया।

 

जो तोड़ दे हर बंद, वो तूफान बनेगा,

इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा ।

नफरत जो सिखाए, वो धरम तेरा नहीं है,

इंसाँ को जो रौंदे, वो क़दम तेरा नहीं है।

कुरआन  न हो जिसमें, वो मंदिर नहीं तेरा,

गीता न हो जिसमें, वो हरम तेरा नहीं है।

 

तू अमन  का और सुलह  का अरमान बनेगा,

इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा ।

 

ये दीन के ताजिर , ये वतन बेचने वाले,

इंसानों की लाशों के कफन बेचने वाले।

ये महल में बैठे हुए कातिल ये लुटेरे,

कांटों के एवज  रूह-ए-चमन  बेचने वाले।

 

तू इनके लिए मौत का ऐलान  बनेगा,

इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा।

 

 

देशभक्ती गीते/ विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

 

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झण्डा ऊँचा रहे हमारा।

 

सदा शक्ति बरसाने वाला,

प्रेम सुधा बरसाने वाला,

वीरों को हर्षाने वाला,

मातृभूमि का तन मन सारा।

झण्डा ऊँचा

हमारा।

 

आओ प्यारे वीरों आओ,

देश धरम पर बलि बलि जाओ,

एक साथ सब मिल कर गाओ,

प्यारा भारत देश हमारा।

झण्डा ऊँचा रहे हमारा।

 

शान न इसकी जाने पाए,

चाहे जान भले ही जाए

सत्य की विजय कर दिखलाए,

तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।

झण्डा ऊँचा रहे हमारा।