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शुक्रवार, २० ऑगस्ट, २०२१

देशभक्ती गीते -3

 देशभक्ती गीते 

 ये देश है वीर जवानों का

 

ये देश है वीर जवानों का,

अलबेलों का मस्तानों का,

इस देश का यारों क्या कहना,

ये देश है दुनिया का गहना।

 

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की,

यहाँ भोली शक्लें हीरों की,

यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में,

मस्ती में झूमें बस्ती में ।

 

पेड़ों पे बहारें झूलों की,

राहों में कतारें फूलों की,

यहाँ हँसता है सावन बालों में,

खिलती हैं कलियाँ गालों में ।

 

कहीं दंगल शोख जवानों के,

कहीं करतब तीर-कमानों के,

यहाँ नित-नित मेले सजते हैं,

नित ढोल और ताशे बजते हैं।

 

दिलबर के लिये दिलदार हैं हम,

दुश्मन के लिये तलवार हैं हम,

मैदाँ में अगर हम डट जाएँ,

मुश्किल है कि पीछे हट जाएँ ।

 

 

 

 

देशभक्ती गीते / है प्रीत जहाँ की रीत सदा

 

जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने

भारत ने मेरे भारत ने

दुनिया को तब गिनती आयी

तारों की भाषा भारत ने

दुनिया को पहले सिखलायी

 

देता ना दशमलव भारत तो

यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था

धरती और चाँद की दूरी का

अंदाज़ा लगाना मुश्किल था।

 

सभ्यता जहाँ पहले आयी

पहले जनमी है जहाँ पे कला

अपना भारत वो भारत है।

जिसके पीछे संसार चला।

 

संसार चला और आगे बढ़ा

यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया

भगवान करे ये और बढ़े

बढ़ता ही रहे और फूले-फले।

है प्रीत जहाँ की रीत सदा,

मैं गीत वहाँ के गाता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की बात सुनाता हूँ।

 

काले-गोरे का भेद नहीं,

हर दिल से हमारा नाता है।

कुछ और न आता हो हमको,

हमें प्यार निभाना आता है।

जिसे मान चुकी सारी दुनिया,

मैं बात वही दोहराता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की बात सुनाता हूँ।

 

जीते हों किसी ने देश तो क्या,

हमने तो दिलों को जीता है।

जहाँ राम अभी तक है नर में,

नारी में अभी तक सीता है।

इतने पावन हैं लोग जहाँ,

नित-नित शीश झुकाता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की बात सुनाता हूँ।

 

इतनी ममता नदियों को भी

जहाँ माता कह के बुलाते हैं ।

इतना आदर इन्सान तो क्या

पत्थर भी पूजे जातें हैं ।

उस धरती पे मैंने जनम लिया,

ये सोच के मैं इतराता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की बात सुनाता हूँ।

 

 

 

 

देशभक्ती गीते / सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

 

एक से करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बात-चीत

देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है।

 

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-क़ातिल  में है।

 

वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ओ आसमाँ

हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है ।

 

खींच  के लाई है सबको क़त्ल होने की उम्मीद

आशिकों का आज जमघट कूचा-ए-क़ातिल  में है।

 

 

 

देशभक्ती गीते / ऐ मेरे प्यारे वतन

 

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझ पे दिल कुर्बान ।

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू , तू ही मेरी जान ।

 

तेरे दामन  से जो आए, उन हवाओं को सलाम,

चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को, जिस पे आये तेरा नाम ।

सब से प्यारी सुबह तेरी, सब से रंगीं तेरी शाम, तुझ पे दिल कुर्बान ।

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान ।

 

माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू,

और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू।

जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू, तुझ पे दिल कुर्बान ।

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान ।

 

छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुँचे हैं हम,

फिर भी है ये ही तमन्ना,तेरे जर्रों की कसम,

हम जहाँ पैदा हुए, उस जगह ही निकले दम, तुझ पे दिल कुर्बान ।

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान ।