8.जीवन नहीं मरा करता है / 7 वि /हिंदी
इस पाठ का/ कविता का अच्छे से पठन/ अध्ययन करे और टेस्ट को हल कीजिए | टेस्ट मनोरंजक है सबको जरुर पसंद आएगी | कुल २० गुणोंके लिए प्रश्न १० है |
८.जीवन नहीं मरा करता है| कविता का
सरल अर्थ
यदि हमारा कोई सपना पूरा न हो पाए , समय से पहले ही टूट जाए, फिरभी हमें निराश नहीं
होना चाहिए। छिप-छिपकर रोना नहीं चाहिए। आँसू रूपी मोतियों को व्यर्थ नहीं बहाना
चाहिए। कुछ सपने यदि पूरे नहीं हो सके, तो जीवन समाप्त नहीं हो जाता है।
जिस तरह माला यदि टूटकर बिखर गई, तो चिंता नहीं करनी
चाहिए। यदि हमारे आँसुओं पर लोगों का ध्यान जाता है तो समझना चाहिए हमारी तपस्या
पूरी हो रही है । परिस्थितियों से हारकर रूठकर बैठ जाना समस्या का हल नहीं होता।
यदि कमीज फट जाए तो उसे सिला लेना ही पड़ता
है,
फेंक नहीं दिया जाता।
हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि आँगन में जलते दीपों में से कुछ यदि बुझ जाएँ तो भी
बाकी दीप आँगन में अपना प्रकाशन फैलाते रहते हैं।
इस दुनिया में कुछ भी समाप्त नहीं होता। केवल
उसका रूप बदलता रहता है। रात के बाद दिन का आना ऐसा लगता है मानो रात ने चाँदनी
रूपी वस्त्र उतारकर धूप रूपी वस्त्र पहन लिए हों। हमें यह समझना चाहिए कि बचपन में
खेलते समय कुछ खिलौने टूट जाते हैं, कुछ खो जाते हैं, परंतु बच्चों के आनंद पर
कोई असर नहीं होता।
पनघट
पर पानी भरने वालों का हमेशा आना-जाना लगा रहता है। जाने कितनी गगरियाँ वहाँ आए
दिन टूटती रहती हैं, परंतु पनघट उनका कभी शोक नहीं मनाता। वहाँ की
चहल-पहल पर कोई फर्क नहीं पड़ता। निराशावादी दृष्टिकोण रखने से मन-मस्तिष्क में
अँधेरा बढ़ता है और आशा रूपी प्रकाश की लौ की आयु कम हो जाती है। पतझड़ आता है
उपवन के पुष्प-पत्ते सब झड़ जाते हैं परंतु वसंत के आते ही सभी वृक्ष नए, कोमल पत्तों से लद जाते हैं।
पतझड़ की लाख कोशिशों के बाद भी उपवन हरा-भरा रहता है।
जिस तरह माली प्रतिदिन उपवन के सभी फूलों को तोड़ लेता
है,
लेकिन वह वहाँ फैली सुगंध
नहीं लूट सकता। तूफान आते रहते हैं, परंतु सुगंध के स्त्रोत का वे कुछ नहीं बिगाड़
सकते। कुछ लोग सदा नफरत का भाव मन में लिए रहते हैं। ऐसे लोगों का काम होता है हर
समय दूसरों की निंदा करना। लेकिन ये लोग भूल जाते हैं कि दर्पण का काम होता है
केवल सच्चाई दिखाना।
