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सोमवार, २४ मे, २०२१

5.बंदर का धंदा / 7 वि /हिंदी

 

5.बंदर का धंदा  / 7 वि /हिंदी 

                   इस पाठ का/ कविता का अच्छे से पठन/ अध्ययन करे और टेस्ट को हल कीजिए /टेस्ट मनोरंजक है सबको जरुर पसंद आएगी / कुल २० गुणोंके  लिए  प्रश्न १० है/ 


५.बंदर का धंधा कविता का सरल अर्थ

 

)         एक दिन जंगल में रहने वाले एक बंदर को कहीं से डॉक्टर का एक टूटा-फूटा स्टैथेस्कोप मिल गया। वह बंदर कहीं से एक कुरसी और एक मेज ले आया और एक पेड़ के नीचे रखकर उसने अपना दवाखाना खोल लिया। सबसे पहले बंदर के पास  एक भालू आया और बोला कि मुझे खाँसी और जुकाम है। बंदर ने उसे तुलसी के पत्ते और पीपल की जड़ देते हुए कहा कि इनको तुम पानी में उबालकर सुबह-शाम पिया करो । जब खाँसी-जुकाम बिलकुल ठीक हो जाए तभी मुझे फीस दे  देना ।

2)       एक बिल्ली बंदर के पास  आई और कहने लगी कि मुझे एक सौ चार बुखार है। मेरा बुखार जल्दी ठीक करो जिससे कि मैं शिकार पर फिरसे  जा सकूँ। बंदर ने उसे  कहा तुम दिन में तीन बार गिलोय का रस पीना होगा । फिर तुम रात तक इतनी स्वस्थ हो जाओगी कि चाहो तो तुम  कल से ही डांस कर सकोगी।

   3)          तभी एक लोमड़ी बंदर के पास  आई और कहने लगी कि मुझे ऐसी दवा दो जिससे मेरी त्वचा चिकनी और सुंदर हो जाए और मैं सबसे सुंदर दिखूँ। बंदर ने कहा तुम सुबह-शाम दोनों समय अपने चेहरे पर घी कुँवार लगाया करो ।फिर तुम्हारा चेहरा कुंदन जैसा चमकने लगेगा, तभी मुझे फीस देना। इस प्रकार जंगल में बंदर की डॉक्टरी अच्छी तरह चलने लगी। वह नित्य जंगल से अच्छी-अच्छी जड़ी-बूटियाँ लेकर आता और खूब मौज मनाता।



जरा सोचो...और बताओ............

        यदि प्राकृतिक संसाधन समाप्त हो जाएँ तो... जैसे जलवन आदि।जल और वन ईश्वर द्वारा दिए गए अति महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं। जीवित रहने के लिए प्रत्येक प्राणी को जल की आवश्यकता है। पेड़-पौधे भी जल के बिना जीवित नहीं रह सकते। जल द्वारा सींचने से ही पौधे बढ़ते हैं और पेड़ बनते हैं।

      यदि किसी दिन पृथ्वी पर  जल समाप्त हो जाए तो इस विशाल पृथ्वी पर जीवन नहीं बच पायेगा । पेड़-पौधे सब समाप्त हो जाएँगे। किसी भी प्रकार की वनस्पतिफलफुल ,अनाज यहाँ तक कि नन्हे बच्चों को दूध तक नहीं मिल सकेगा। धीरे-धीरे प्राणियों की सभी प्रजातियाँ विलुप्त हो जाएँगी। इसी प्रकार वन भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। वन पर्यावरण को शुद्ध करते हैं। ये वातावरण में व्याप्त विषैली वायु को ग्रहण कर उसे स्वास्थ्यप्रद प्राणवायु में बदल देते हैं। वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं। वनों के कारण भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होती है। वन हमें अनेक प्रकार के फल-फूलऔषधिलकड़ी आदि देते हैं। यदि वन नहीं रहेंगे तो हम भी नहीं बचेंगे।इसलिए हमें हर साल पेड़ लगाने होंगे |इस साल से ही शुरुआत करे |